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मुँहनोचवा देवता/प्रवीण वशिष्ठ

वह दौर मुँहनोचवा का दौर था। मुँहनोचवा किसी के लिये एक दैवीय शक्ति तो किसी के लिये अफ़वाह किसी के लिये साज़िश और किसी के लिये आतंकवादी आक्रमण जैसा था। हर दिन किसी न किसी गाँव में कोई घटना घटित हो रही थी। गाँव में सन्नाटा फैल गया । चूल्हे का धुँआ खपड़ैल से टकराकर […]

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