बदल दिया परिदृश्य गाँव का/राहुल द्विवेदी स्मित’
बदल दिया परिदृश्य गाँव का, फैशन की अंगड़ाई ने। खेत बेंचकर पल्सर ले ली, बुद्धा और कन्हाई ने।। मुन्नी जीन्स पहनकर घूमे, लौटन की फटफटिया पर। सेल्फी लेती नयी बहुरिया, द्वारे बैठी खटिया पर। लाज, शर्म, घूघट, खा डाला, इस टीवी हरजाई ने।। धोती-कुर्ते संदूको में, धूल समय की फाँक रहे। कोट पैंट सदरी […]