सुबह-सुबह कोयल का गाना,अच्छा लगता है | प्रियजन से मिलना-बतियाना,अच्छा लगता है || रजनीगंधा,जुही,चमेली,शेफाली महके | उपवन में भँवरों का आना, अच्छा लगता है || उसकी गलियों में गुल चुनना, कौन नहीं चाहे | दामन में खुशबू भर लाना,अच्छा लगता है || कलियों-सा मुस्काना उसका,शहदीली बातें | बात-बात पर खिल-खिल जाना अच्छा लगता है || आँखों में मधु की मादकता,रूप सुराही-सा | यौवन की मदिरा छलकाना,अच्छा लगता है || करे इशारे रह-रह मुझको,चूड़ी की खन-खन | नजर मिला कर नजर चुराना,अच्छा लगता है || मन में लड्डू फूटें फिर भी,होठों पर ताले | पलकें नीची कर शरमाना,अच्छा लगता है ||
सुबह-सुबह कोयल का गाना/सजल/वसंत जमशेदपुरी
