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साक्षात्कार

नीलू कुत्ता/महादेवी वर्मा

नीलू की कथा उसकी माँ की कथा से इस प्रकार जुड़ी है कि एक के बिना दूसरी अपूर्ण रह जाती है। उसकी अल्सेशियन माँ उत्तरायण में लूसी के नाम से पुकारी जाती थी। हिरणी के समान वेगवती साँचे में ढली हुई देह, जिसमें व्यर्थ कहने के लिए एक तोला मांस भी नहीं था। ऊपर काला […]

दोहा लिखना मेरा शौक नहीं, ज़िम्मेदारी है-जय चक्रवती

(समकालीन दोहे की दिशा और दशा के विभिन्न पहलुओं को लेकर गत दिनों सुपरिचित दोहाकार जय चक्रवर्ती से चर्चित दोहाकार शिवकुमार दीपक ने लंबी बात–चीत की। प्रस्तुत हैं उस बात–चीत के प्रमुख अंश) शिवकुमार दीपक : सर आप देश के ख्यातिलब्ध वरिष्ठ दोहाकार हैं, आप दोहे का उद्भव कहाँ से और कब से मानते हैं […]

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