पानवाला/सुमित्रानंदन पंत
यह पानवाला और कोई नहीं, हमारा चिर-परिचित पीताम्बर है । बचपन से उसे वैसा ही देखते आए हैं। हम छोटे लड़के थे- स्थानीय हाईस्कूल में चौथे-पाँचवें क्लास में पढ़ते थे । मकान की गली पार करने पर सड़क पर पहुँचते ही जो सब से पहली दूकान मिलती, वह पीताम्बर की । हम कई लड़के रहते, […]