चंद्रकांता संतति खंड2 भाग7/देवकीनन्दन खत्री
बयान – 1 नागर थोड़ी दूर पश्चिम जाकर घूमी और फिर उस सड़क पर चलने लगी जो रोहतासगढ़ की तरफ गई थी। पाठक स्वयं समझ सकते हैं कि नागर का दिल कितना मजबूत और कठोर था। उन दिनों जो रास्ता काशी से रोहतासगढ़ को जाता था, वह बहुत ही भयानक और खतरनाक था। कहीं-कहीं तो बिल्कुल […]