कमल और मुरदे/धर्मवीर भारती
“कमल ? लेकिन स्वर्ग में तो कमल होते ही नहीं !” देवदूतों ने कहा । “किन्तु बिना कमल के आज हमारा शृंगार अधूरा रह जायगा । शरद के निरंभ्र आकाश पर बादल के हल्के कदमों से बिजली की तेजी से नाचने वाली देवकन्याओं की वेणी कमल से शून्य रहेगी। इससे अच्छा तो यह है कि […]