सम्मान/भाऊराव महंत
बहुत बड़ा संसार हमारा, उसमें देश अनेक। दुनिया भर के उन देशों में, भारत भी है एक।। जिसका एक तिरंगा झंडा, और एक है गान। करता है प्रत्येक आदमी, दोनों का सम्मान।। लेकिन जो सम्मान न करते, हम हैं उनसे रुष्ट। ऐसी आदत वालों को तो, कहते हम सब दुष्ट।।