लहर लहर तट रहा झकोरे/डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी
लहर लहर तट रहा झकोरे, घूम रहा तूफान निराला । घूम रहा तूफान —– फँसा बटोही नगर डगर तक बना हुआ हैवान निराला । बना हुआ हैवान—- विफर पड़ी आक्रोशित लहरें दिव्य साधना नित होअर्चन । जनधन की भारी है चिंता, त्राहि मचाये ये परिवर्तन । भृकुटि तानकर खड़ी आपदा, लेना है संज्ञान निराला । […]