ये खिलाड़ी लड़कियांँ/अनिता रश्मि
गाय-भैंसिया, बकरी जंगल में चराते-चराते धींगा-मुश्ती करते अभाव से न जाने कब सीख जातीं हाॅकी खेलना, मारना किक गेंद को, कुश्ती लड़ना या उछाल देना आकाश में एक अबूझ सपना मैदान मार लेने का ओलंपिक का ताज जीत लेने का सपना। आम-इमली पर साधते हुए निशाना थाम लेतीं हैं बिरसा का तीर-धनुष न जाने कब, […]