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दिल दुखाया है बारहा हमदम/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

दर्द क्यों आपको हुआ हमदम ज़ख़्म इतना बड़ा न था हमदम हमने इस दर्द-ए-ना-रसा में भी दिल दुखाया है बारहा हमदम वो जगह जिस पे मेरा ही हक़ था कौन बैठा है उस जगह हमदम आज बारिश ने कहर ढाया है रो रहा कौन दिल-जला हमदम अब दरकने लगे पहाड़ सभी किसका टूटा है दिल […]

जब से तुझसे हुई मुहब्बत है/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

दिल मेरे बस में अब नहीं दिलबर उस पे तू भी नहीं क़रीं दिलबर जब से तुझसे हुई मुहब्बत है बढ़ गया ख़ुद पे कुछ यक़ीं दिलबर आफ़ताब उसको कह दिया तुमने रूठ बैठे न मह-जबीं दिलबर ख़ूबसूरत हैं फूल गुलशन के तुझसे बढ़कर नहीं हसीं दिलबर लोग जिसके हसीन हैं दिल से हमने देखी […]

जो हवाएँ मुझे बुलाती हैं/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

जो हवाएँ मुझे बुलाती हैं वो तेरा शहर छू के आती हैं जब भी छूतीं बदन हैं फूलों का तितलियाँ गीत गुनगुनाती हैं चाँद की चाँदनी को मल-मल कर मछलियाँ तन को चमचमाती हैं आम पर बौर आ गया शायद कोयलें कूह कूह गाती हैं ख़ूब जम के बरसती हैं बूँदें प्यास धरती की जब […]

उसने तोड़ा है दिल सलीके से/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

दिल को जब से रहीन रक्खा है ख़ुद को पर्दा-नशीन रक्खा है उसने तोड़ा है दिल सलीके से फिर भी मैंने यक़ीन रक्खा है सूरतें तो ख़ुदा की ने’मत हैं हाँ मगर दिल हसीन रक्खा है ज़ेहन की बात पूछते हो क्या हमने दिल तक ज़हीन रक्खा है आप ख़ुशबू तो लीजिए साहिब फूल ताज़ा-तरीन […]

रात जाती नहीं किसी सूरत/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

नींद आती नहीं किसी सूरत ग़म सुलाती नहीं किसी सूरत वो भी रहती है दूर-दूर ज़रा पास आती नहीं किसी सूरत ज़िन्दगी को न जाने क्या है हुआ मुस्कुराती नहीं किसी सूरत सुब्ह आते ही मुँह छुपाती है रात जाती नहीं किसी सूरत दुश्मन-ए-जाँ भी अब रहे गुमसुम दिल दुखाती नहीं किसी सूरत रोज़ होता […]

उठ गया विश्वास तब से इश्क़ से/मनजीत शर्मा ‘मीरा’

जब कभी है प्यार का सौदा हुआ यूँ लगा अधिकार का सौदा हुआ लड़कियाँ करने लगी हैं ख़ुद-कुशी जब से इक मुटियार का सौदा हुआ उठ गया विश्वास तब से इश्क़ से जब से मेरे यार का सौदा हुआ प्यार उनको रास आया ही नहीं इसलिए दिलदार का सौदा हुआ हाय इस दायज़ के चक्कर […]

मात्राओं की गिनती

काव्य में छंद का अपना महत्व है। छंद रचना के लिए मात्राओं को समझना एवं मात्राओं कि गिनती करने का ज्ञान होना आवश्यक है। यह सर्वविदित है कि वर्णों को स्वर एवं व्यंजन में विभक्त किया गया है। स्वरों की मात्राओं की गिनती करने का नियम निम्नवत है- अ, इ, उ की मात्राएँ लघु (।) […]

कुण्डलियां/साधना ठकुरेला

चलती रहती जिंदगी , ज्यों कागज़ की नाव । लोग भटकते लक्ष्य से , करते नहीं चुनाव ।। करते नहीं चुनाव , हवा खे कर ले जाती । कुछ हो जाती पार ,कहीं पर भँवर डुबाती । कहे ‘साधना’ सत्य , करो मत कोई गलती । हाथ रखो पतवार , नाव तब ढंग से चलती […]

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