दिल दुखाया है बारहा हमदम/मनजीत शर्मा ‘मीरा’
दर्द क्यों आपको हुआ हमदम ज़ख़्म इतना बड़ा न था हमदम हमने इस दर्द-ए-ना-रसा में भी दिल दुखाया है बारहा हमदम वो जगह जिस पे मेरा ही हक़ था कौन बैठा है उस जगह हमदम आज बारिश ने कहर ढाया है रो रहा कौन दिल-जला हमदम अब दरकने लगे पहाड़ सभी किसका टूटा है दिल […]