रिश्ते का पंचनामा/श्यामल बिहारी महतो
” मैं तुम्हें बेटा कहूं या साढू …?” बाप रामदीन भरी पंचायत में इकलौते बेटे राधेश्याम से बार बार पूछता रहा । और बेटा राधेश्याम बार बार यही कहता रहा-“ आप मेरे बाप हो और बाप ही रहोगे….! राधेश्याम राधा की ओर देख रहा था । और राधा-राधेश्याम की ओर । इतिहास के पन्नों में […]