चींटी और हाथी/भाऊराव महंत
आओ बच्चों तुम्हें बताऊँ, एक समय की बात। चींटी से हाथी ने बोला- ‘क्या तेरी औकात।।’ ‘मैं तो हाथी बहुत बड़ा हूँ, तू नन्ही-सी जान। मेरी एक फूँक से तेरे, उड़ जाएँगे प्राण।’ इस पर चींटी चिंतित होकर, रहने लगी उदास। और सोचने लगी बहुत है, ताकत उसके पास। कैसे उसको सबक सिखाऊँ, दूँ मैं […]