बाद तुम्हारे सब अपनों के मनमाने व्यवहार हुए/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
बाद तुम्हारे सब अपनों के मन&... Read more.
वफ़ा भी, प्यार भी, नफ़रत भी, बदगुमानी भी/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
वफ़ा भी, प्यार भी, नफ़रत भी, ब... Read more.
राहत दो या उलझन दो/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
राहत दो या उलझन दो ज़ह्न को क... Read more.
ख़ुद को मैं ही कहाँ समझ पाया/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
ख़ुद को मैं ही कहाँ समझ पाया... Read more.
झूठ है, छल है, कपट है, जंग है, तकरार है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
झूठ है, छल है, कपट है, जंग है, तक&... Read more.
अब किसी घर में न खिड़की है, न रोशनदान है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
अब किसी घर में न खिड़की है, न ... Read more.
जब भी कोई नन्हा पौधा सूरज से बतियाता है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
जब भी कोई नन्हा पौधा सूरज से... Read more.
जीत किसके लिये, हार किसके लिए/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
जीत किसके लिये, हार किसके लि... Read more.
अपने कौन, पराये कौन/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
अपने कौन, पराये कौन तुमको ये... Read more.
मन में जाने कैसा घाव है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’
मन में जाने कैसा घाव है आजकल... Read more.