पूजने लगे हैं हम जिन दिनों से पत्थर को/गज़ल/संजीव प्रभाकर
सरकशी है लहजे में तल्खियाँ &... Read more.
बताओ हाल कैसा है/गज़ल/संजीव प्रभाकर
बड़े दिन बाद आए हो, बताओ हाल... Read more.
अकेले यूँ चले जाना वहाँ तक है नहीं मुमकिन/गज़ल/संजीव प्रभाकर
ये माहे-नौ-बहारां प्यार का म... Read more.
दुआ हमारे प्यार की हुई कुबूल उस जगह/गज़ल/संजीव प्रभाकर
दुआ हमारे प्यार की हुई कुब... Read more.
जो उबार लेती है, डूबती सियासत को/गज़ल/संजीव प्रभाकर
कुछ न कुछ हुआ होगा, सुब्ह तक ç... Read more.
बाबूजी/गज़ल/संजीव प्रभाकर
अपनी है जो परिभाषा वो आप हैं... Read more.
आईन है, कानून है इस बात से मश्कूर हूँ/गज़ल/संजीव प्रभाकर
आईन है, कानून है इस बात से मशî... Read more.
होगी कोई वो दिलनशीँ , वरना तो आजकल कहाँ/गज़ल/संजीव प्रभाकर
इतनी मिली नसीब से, गाहे-ब-गाह... Read more.
न कोई चिंता उन्हें किसी की/गज़ल/संजीव प्रभाकर
बिना वजह के वजह बताकर उथल-पु... Read more.
न वक़्त का कोई दबाव दिखता/गज़ल/संजीव प्रभाकर
कुछेक दिन हम ये काम करते,उसी... Read more.