न हाथ आएगा फिर जिंदगी का नामोनिशां/बृंदावन राय सरल
पराए दर्द को सीने में पाल कर... Read more.
हर सैनिक में भरे उजाला/बृंदावन राय सरल
विजय दिवस का उत्स निराला। ह&... Read more.
अश्क हमारे हुए समुन्दर/बृंदावन राय सरल
अश्क हमारे हुए समुन्दर। इत... Read more.
झूट की नाव के सफर में सब/बृंदावन राय सरल
मुश्किलें बन रहे उड़ानों म... Read more.
उतरा है वो जरूर किसी आसमान से/बृंदावन राय सरल
रिश्ता जुड़ा है खुशबुओं के &... Read more.
कहीं पांवों में छाले हैं कहीं आंखों में पानी है/बृंदावन राय सरल
नगर में गांव में दर-दर भटकती... Read more.
बेकुसूर लोगों की बस्तियां ही जलती हैं/वृंदावन राय सरल
कदरें ज़िंदगानी की अपने हा... Read more.
टूटना तय है यहां जब डाल से हर पात का/बृंदावन राय सरल
टूटना तय है यहां जब डाल से हर... Read more.
बस्ती बस्ती बिषधर काले बैठे हैं/बृंदावन राय सरल
चोटीवाले दाढ़ी वाले बेैठ... Read more.
कच्चे फलों से छीन ली जीने कीआरज़ू/बृंदावन राय सरल
दिल अपना आबशार किसी ने नहीं ... Read more.