हाथों से पत्थर तोड़ने बैठा/गज़ल/डॉ. भावना
नहीं हैं दांत फिर भी आदमी खाने... Read more.
तराना ढूँढ लाना तुम/गज़ल/डॉ. भावना
जो ख़्वाबों में बसा है वह ज़माना... Read more.
बढ़ रही हैं जो दूरियाँ घर में/गज़ल/डॉ. भावना
हैं दरीचे न खिड़कियाँ घर में... Read more.
अब कुहू से काँव की बातें भली/गज़ल/डॉ. भावना
धूप से तपते सफर में छाँव की बातें... Read more.
चेहरा उदास चाँद का रहता है आजकल/गज़ल/डॉ. भावना
सुनता नहीं है कुछ न ही कहता है... Read more.
कफ़न पर आ के रुकती है/गज़ल/डॉ. भावना
उड़ानों की हर इक सीमा गगन पर... Read more.
अखबार चलाने का हुनर आता है/गज़ल/डॉ. भावना
रूठे सागर को मनाने का हुनर आता... Read more.
मेरा चेहरा मेरे पीछे/गज़ल/डॉ. भावना
चलेगी जब मुहब्बत की कभी चर्चा... Read more.
बनकर बैठा अजगर क्यों है/गज़ल/डॉ. भावना
बाबाओं का चक्कर क्यों है दुनिया... Read more.
मगर रस्ता समझता है/गज़ल/डॉ. भावना
कहोगे तुम नहीं जितना वो अब उतना... Read more.