तोड़कर अब पाँव की बेड़ियाँ/गज़ल/सत्यम भारती
तोड़कर अब पाँव की बेड़ियाँ चाँद... Read more.
बिखर रहा विश्वास आजकल/गज़ल/सत्यम भारती
बिखर रहा विश्वास आजकल आम-जनों... Read more.