अंधेरों का क़िस्मत बदलना चाहता है/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी
वो इक चिराग़ जो हर बार जलना चाहता... Read more.
मुझे तुम देखकर रोने लगी थी/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी
अगर इस ज़िन्दगी में कुछ ख़ुशी थी... Read more.
इश्क वाले तो दिलजले नहीं होते/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी
इस तरह से हल कोई मामले नहीं... Read more.