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नववर्ष २०२५ विशेष

रचनाएँ

नव प्रभात का दीप जलाओ,
आओ मिलकर गीत सुनाओ।
खुशियों की लहरें छेड़ें,
नए सपनों को गले लगाओ।

२०२५ की है दहलीज,
नए सपनों की है तमीज।
पलकों पर अरमान सजे,
दिल में उम्मीदों की बसी बीज।

आओ शुभ संकल्प करें,
हर मन में उल्लास भरें।
दुख-सुख सब मिलकर बाँटें,
जीवन को ममता से सँवारें।

नया साल, नई उम्मीदें,
नए सफर की नई प्रवीणताएँ।
हर दिन हो आनंदमय,
बनाएँ नए रिश्तों की छवियाँ।

प्रकृति का हो मान-सम्मान,
सामाजिक हो सच्चा गान।
सद्भावना और भाईचारे से,
सजाएँ धरती का सम्मान।

आओ मिलकर दीप जलाएँ,
नववर्ष का अभिनंदन गाएँ।
२०२५ हो मंगलकारी,
हर जीवन में सुख बरसाएँ।

नये वर्ष की नयी सुबह ने
रंग बिखराये नये नये ।
सब में नये नये सूरज ने
स्वप्न जगाये नये नये ।।

नयी उमंगें, नयी तरंगें,
नयी ताल,संगीत नया ।
सब में जगीं नयी आशाएं
नयी बहारें, गीत नया ।।

नयी चाह है, नयी राह है,
नयी सोच, हर बात नयी ।
नया जागरण, नयी दिशाएँ,
नयी लगन,सौगात नयी ।।

सब में नयी नेह-धारायें
लेकर आया वर्ष नया ।
नया लगा हर एक नज़ारा,
सब में छाया हर्ष नया ।।

दाता सबको दीजिए,कुछ ऐसा  किरदार।

देशप्रेम दिल में रहे ,बने सुखद  व्यवहार।

बने सुखद  व्यहार ,नहीं हो कर्कश बोली।

खुशियाँ आएँ द्वार,बनाकर सुभग रँगोली।

हर कोई  कर्त्तव्य ,देश-हित रहे  निभाता।

जीवन में  उत्कर्ष, सभी  को  देना  दाता।।

 

बिखरी होठों  पर रहे ,प्यारी- सी  मुस्कान।

पूरे हों  दिल में  बसे ,सबके  सब  अरमान।

सबके सब अरमान ,भरें खुशियों से झोली।

रहें  ग़मों से  दूर ,करें  नित  हँसी-ठिठोली।

काया बने निरोग,त्वचा हो निखरी-निखरी।

नए साल पर धूप,रहे खुशियों की बिखरी।।

स्वागत है नव वर्ष का, इतना सा अरमान ।

रहे महकता फूल- सा, अपना हिन्दुस्तान ।।-1

स्वागत है नव वर्ष का, इतनी सी फरियाद ।

मिटे  गरीबी  देश  की, दूर  रहे  अवसाद ।।-2

स्वागत है नव वर्ष का, इतनी सी फरियाद ।

बढ़े  प्रेम  की  भावना,  रहे  नही  उन्माद ।।-3

कुछ खुशियां कुछ कष्ट में, बीता पूरा वर्ष ।

सूर्य  उगे अब हर्ष का, हो सबका उत्कर्ष ।।-4

जग को दी गत वर्ष ने , दर्द  भरी  सौगात ।

निश्चित है अब हर्ष का, होगा नवल प्रभात ।।-5

हँसी-खुशी, दुख-दर्द के, मिले हमें उपहार ।

करें  विदाई  हर्ष  से, खुशियों  से सत्कार ।।-6

स्वागत है नव वर्ष का, बस  इतना अनुरोध ।

राजनीति अब छोड़ दे, लेना अब प्रतिशोध ।।-7

आशा है नव वर्ष में , टूटेगा  अभिमान ।

आएगी नव चेतना, औ मुदों  में  जान ।।-8

आशा  है  नव वर्ष  में, मिले  प्यार, सम्मान ।

लगें  झूमने  हर्ष से, सब  मजदूर  किसान ।।-9

नए साल में सूर्य का, ऐसा खिले प्रकाश ।

मिटे अँधेरा देश का, खिलें ज्ञान के पाश ।।-10

नववर्ष आया, जीवन में लेकर आशा,

हर दिशा में हो सृजन की परिभाषा ।

भूल जाएं ग़म, बीते साल के दुःख सारे,

नए वर्ष में हो हर दिल में सुख सौभाग्य हमारे ।

 

स्वास्थ्य, समृद्धि, और प्रेम बढ़े भाईचारा,

हर इंसान का सपना सच हो आगे बढ़े देश हमारा ।

सभी के घरों में हो खुशियों की बौछार,

नववर्ष के शुभ अवसर पर हो हर जन में प्यार।

 

मनाये सब साथ – साथ पावन त्योहार,

हर गली में धूम हो लाये नववर्ष बहार ।

अपने-अपनों से जुड़े हो हाथों में हाथ,

हे नारायण सबको रखना सुखी अपनों के साथ ।

 

आओ मिलकर फिर संकल्प लें हम एक साथ,

हर दिन को बनाएं बेहतर सबके लिए हो खास ।

नववर्ष की हो शुरुआत शानदार,

हर कदम पर हो खुशियाँ बेशुमार।

 

नववर्ष की शुभकामनाएँ !

नव वर्ष!स्वागत आपका-

       जो  भव्यतम  है  हो  रहा ।

भूतल गगन जल सब कहीं,

      उल्लास-नद खुल बह रहा।।

सुन-देख कर उसको न मद से,

        अन्ध     होना    तुम    कभी। सम्मान   का  गौरव  संभाले,

         यत्न     से    रखना    सभी।।

इस  मान  का  प्रतिदान  तुम-

          उपहास   कटु   देना   नहीं।

जन-भावना   से   तुम  कभी-

         खिलवाड़ मत करना  कहीं।।

करता यही अनुभव  कठिन,

           जग  आ रहा बढ़ता चला।

पाकर उचित से मान ज्यादा,

            नर   बना   करता   बला।।

पर  तुम  न  प्रभुता  पा  बड़ी,

            मदमत्त  नृप  होना  कभी।

नवता   मधुर   से   भव्य   से

            भरना  चराचर को सभी।।

नव    वर्ष   सन्    पच्चीस! –

             तुमसे  है  हमारी  प्रार्थना।

जग में करो साकार वह जो,

            भव्यतम ऋषि – कल्पना।।

सुख – संपदा   की  सुरसरी,

             संसार    में    बहती    रहे।

सबके   हृदय  में   प्रेम   की,

               प्रिय रागिनी बजती रहे।।

बारूद   के  जिस  श्रृंग   पर,

                बैठा   हुआ   संसार   है।

जिस  पर  सतत  ही बढ़ रहा,

                नर-गर्व  का  गुरु भार है।।

अंगारमय    विस्फोट   उसमें,

                हो  न  नफरत  द्वेष  का।

यह   दौर    रुकना    चाहिए-

                हथियार-संग्रह – रेस का।

परमाणु  आयुध – युद्ध   की-

                संभावना  जो  बढ़  रही। संसार – जय    की   लालसा,

                नभ उच्च पर जो चढ़ रही।।

उस   पर  लगाना   आपको-

               अंकुश  सदा  नव  वर्ष! है।

तब ही तुम्हारे आगमन का,

                 अर्थ    है   उत्कर्ष    है।।

साल फिर इक नया आ रहा है।
तुम को भूला नहीं जा रहा है।।

गीत सारे अधूरे हैं मेरे।
शब्द सुर ताल सब खो गये हैं।
देखकर मेरी बेबस व्यवस्था।
जुगनू भी रात पर रो गये हैं।
सर्द मौसम का भी ये दिसम्बर
यार जगते हुए जा रहा है।
साल फिर इक नया आ रहा है।
तुम को भूला नहीं जा रहा है।।

ज़ख्म जब जब कुरेदा है मैंने।
दर्द निकला वहीं का वहीं है।
चलते चलते बहुत थक गया हूँ।
रास्ता तो वहीं का वहीं है।
मुझसे देखो बिछड़कर के कैसे।
यार फुटपाथ ये जा रहा है।
साल फिर इक नया आ रहा है।
तुम को भूला नहीं जा रहा है।।

कैसे होगा मुबारक ये मुझको।
ये बता दो नया साल तुम बिन।
सूना सूना सा गांव का पनघट।
बीया बीरान हैं ताल तुम बिन।
शाम की लालिमा में बंधा सा।
देखिए कैसे दिन जा रहा है।
साल फिर इक नया आ रहा है।
तुम को भूला नहीं जा रहा है।।

रात्रि नई और दिवस नया,  

नव बेला का परिवेश नया ।

नव नव तारे नवल चांदनी,

नव निशा का राकेश नया। ।

इस नूतन वर्ष  के आगमन पर,

तरु-तृण  का टूश नया।

नव नव किसलय नवल कोंपले

नव स्वर्ग का पीयूष नया। ।

नवल वसंत नवल मलयानिल

नव-नव नद के नीर नवीन।

नवल देश के जन जन के मन

रंगीन प्रकृति के चीर नवीन। ।

फिर एक वर्ष का गमन हो रहा है,

नूतन का आगमन हो रहा है।

बीते पलों की यादें सहेज कर,

नव संकल्प का चयन हो रहा है।

फिर  एक वर्ष का गमन हो रहा है…

***

 खोया है बहुत कुछ पाया भी बहुत कुछ,

जाते बरस ने सिखाया बहुत कुछ।

वातावरण में भरा जो प्रदूषण,

हरियाली का हनन हो रहा है।

फिर एक वर्ष का गमन हो रहा है….

****

ये कुदरत कुपित हुई इसलिए है,

रासायन धरा पर जो भर दिए हैं।

इस नव वर्ष में खिले बाग उपवन,

जो अब उजड़ा चमन हो रहा है।

फिर एक वर्ष……है।

*****

जाते वर्ष को करें अब नमन हम,

जीवन अपना करें अब सुमन हम।

करेंगे व्यथा अब दूर उन सभी की,

नम जिसका भी नयन हो रहा है।

फिर एक वर्ष……है।

नववर्ष की लाली किरणें,

आलस की चादर हटाकर,

नवजीवन में नव आशाएँ भर लाएँ,

हर दिल में उमंग के अंकुर मुस्काएँ।

 

अपनों में प्रेम का रस घोलें,

हर रिश्ते को और प्रगाढ़ बना दें।

जीवन की राहें हों संभावनाओं से भरी,

हर क्षण में सादगी और नई ख़ुशियाँ झलके।

 

भूल जाएँ ठोकरें और ज़ख़्म पुराने,

हर दर्द से सीखें सबक अमूल्य।

विश्वास का दीप जलाकर आगे बढ़ें,

संघर्ष में खोजें नए पथ का उत्साह।

 

प्रकृति सिखाए स्नेह का अमृतपान,

धरा पर फैले अमन और शांति का संदेश।

नववर्ष ऐसा हो कि हर सपना साकार हो,

हर मन में प्रेम का अनुग्रह अपार हो।

माना वर्ष २०२४ अब कभी नहीं आएगा।

पर बीते हुए दिनों की याद तो दिलाएगा।।

न जाने नव वर्ष २०२५ क्या गुल खिलाएगा।

ये तो बंधु आने वाला वक्त ही बतलाएगा।।

 

आशा है नव वर्ष २०२५ नया सवेरा लाएगा।

खट्टी-मीठी यादों के सफ़र में हमें ले जाएगा।

नित नए नए कीर्तिमान अपने देश में रचाएगा।

देश के दुश्मनों को शांति का पाठ पढ़ाएगा।

 

जीवन है अनमोल ये मंत्र हमें सिखलाएगा।

भाई चारे की बातों को फिर से दोहराएगा।

क्या मानव तू फिर से ये सब समझ पाएगा।

आपस में भाई चारे की परंपरा को निभाएगा।

 

नए साल में हर कोई नए सपने सजाएगा।

सपने पूरे होंगे ज़रूर फिर वही दोहराएगा।

आगे बढ़ते जाना मानव जीवन का है दस्तूर।

नव वर्ष २०२५ दिखाएगी नई रोशनी जरूर।

आइए नव वर्ष का स्वागत करें,

सरल मन से और आभार से.

इक दूजे के मन /हृदय जीतें,

स्नेह,मान,मर्यादा,मनुहार से.

सब मिल मानव सेवा व्रत लें,

युक्त हों नव चेतना,संस्कार से.

सब सब का हित अहित सोचें,

जुड़ें समता ,ममता के तार से.

मिल जुल कर लड़ें और जीतें,

दुर्भावना से और व्यभिचार से.

किसी एक के संकल्प से न होगा,

है संभव सबके सत्कर्म,विचार से.

दंभ ,अहंकार ,स्वार्थ मिट पाएंगे,

सब के प्रयास से/प्रतिकार से.

मानवता की रक्षा हो ,लक्ष्य  बस,

जागें,उठें,सब भावना के ज्वार से.

पर बीते हुए दिनों की याद तो दिलाएगा।।

न जाने नव वर्ष २०२५ क्या गुल खिलाएगा।

ये तो बंधु आने वाला वक्त ही बतलाएगा।।

आशा है नव वर्ष २०२५ नया सवेरा लाएगा।

खट्टी-मीठी यादों के सफ़र में हमें ले जाएगा।

नित नए नए कीर्तिमान अपने देश में रचाएगा।

देश के दुश्मनों को शांति का पाठ पढ़ाएगा।

जीवन है अनमोल ये मंत्र हमें सिखलाएगा।

भाई चारे की बातों को फिर से दोहराएगा।

क्या मानव तू फिर से ये सब समझ पाएगा।

आपस में भाई चारे की परंपरा को निभाएगा।

नए साल में हर कोई नए सपने सजाएगा।

सपने पूरे होंगे ज़रूर फिर वही दोहराएगा।

आगे बढ़ते जाना मानव जीवन का है दस्तूर।

नव वर्ष २०२५ दिखाएगी नई रोशनी जरूर।

पुराने साल  को अलविदा है

नाये साल को सुस्वागत है

सब उत्साह से मनाता है

यह संप्रदाय का प्रतीक है

आशा हैकि नये साल खुश होंगे श्रीनिवास!

 

नये साल और नये जीवन

इंतिजार करता है जन जन

नये साल के प्रति आकर्षण

हम सब केलिए परीक्षण

आशा हैकि नये साल भला होंगे श्रीनिवास!

 

एक दूसरों की बधाई देना

हम सब की भलाई करना

नागरिकता को अपनाना

हमारा कर्तव्य को निभाना

आशा हैकि नये साल वृद्धि  होंगे श्रीनिवास!

वही लोग 

वैसे ही विचार 

नदी, धरती, पर्वत

भाषा वैसी ही 

न कोई उमंग न ख़ुशी

न परिवर्तन न हर्ष 

बस तिथियां बदलने आता है 

सदा नव वर्ष….

सभी दिन शुभ सुखद हों सदा सौभाग्य लायें
हमारी आपको हैं यही शुभकामनाएँ
मुबारक बाद पहुँचे जो तुम तक इस दिवस की
बधाई नव बरस की दुआयें सौ बरस की

न हो किरदार मैला रहे महफूज़ ग़ैरत
भरी हो सबके भीतर मोहब्बत ही मोहब्बत
बहे दरिया दिलों में हमेशा प्रेम रस की
बधाई नव बरस की दुआएँ सौ बरस की ।१।

मिले वो ज़िंदगी जो किसी के काम आए
तुम्हारा हर किसी की दुआ में नाम आए
ज़माना दे मिसालें तुम्हारे आदरश की
बधाई नव बरस की दुआएँ सौ बरस की ।२।

यहाँ रोने की ख़ातिर हज़ारो ग़म मिलेंगे
मगर हमदर्द जो हैं न वो भी कम मिलेंगे
चलो अब मुस्कुरा लो ये बेला है हरष की
बधाई नव बरस की दुआयें सौ बरस की ।३।

आने वाले के स्वागत में सब कर लिया
सारी तैयारियों से यूँ घर भर दिया
ख़्वाब ,ख़ुशियाँ तरक़्क़ी लुटाता रहा
जाने वाले तेरा भी बहुत शुक्रिया

मिले उन्नति का पथ अनयास
बढ़े उल्लास मिले नित हर्ष
खुश रहे सारा घर परिवार
तुम्हे हो मंगलमय नव वर्ष

मिलें दिल की ख़ुशियाँ हर रोज़
ख़ुदा ये रक्खे नेक ख़याल
मुक़म्मल हों दिल के अरमान
मुबारक़ हो तुमको ये साल

ईश्वर तुमको दीर्घाय करे
शतगुणित तुम्हारी आय करे
पथ उन्नति वाला खुला रहे
अवनति हरदम निरुपाय रहे

माना वर्ष २०२४ अब कभी नहीं आएगा।
पर बीते हुए दिनों की याद तो दिलाएगा।।
न जाने नव वर्ष २०२५ क्या गुल खिलाएगा।
ये तो बंधु आने वाला वक्त ही बतलाएगा।।

आशा है नव वर्ष २०२५ नया सवेरा लाएगा।
खट्टी-मीठी यादों के सफ़र में हमें ले जाएगा।
नित नए नए कीर्तिमान अपने देश में रचाएगा।
देश के दुश्मनों को शांति का पाठ पढ़ाएगा।

जीवन है अनमोल ये मंत्र हमें सिखलाएगा।
भाई चारे की बातों को फिर से दोहराएगा।
क्या मानव तू फिर से ये सब समझ पाएगा।
आपस में भाई चारे की परंपरा को निभाएगा।

नए साल में हर कोई नए सपने सजाएगा।
सपने पूरे होंगे ज़रूर फिर वही दोहराएगा।
आगे बढ़ते जाना मानव जीवन का है दस्तूर।
नव वर्ष २०२५ दिखाएगी नई रोशनी जरूर।

जीवन के रंग मे खुशियों के संग में ,
सुबह की लाली घटा शाम की तन्हाई में ,

हरे भरे पेड़ों पर चिड़िया चहकती रहे ,
खेत खलिहानों में फसल लहलहाती रहे ,

नई रोशनी मे नये जीवन की शुरुआत हो ,
सबको जीने की नई दिशा, नया राह मिले ,

गाँव मे खुशियों की नयी सौगात हो ,
सबको अपनी अभिव्यक्तियों का नया संसार मिले ,

गमन मस्तिष्क मे नये दुनिया की स्वागत की आशायें हो ,
जीवन मे नये उद्देश्यों का लौ जले ,

प्रेम की ज्योति जले खुशबुओं की महक उठे ,
विज्ञान , तकनीकी , साहित्य की ज्वाला और जले ,

दुनिया मे लोक कलाओं का चहुंदिश विकास हो ,
सभ्यता और संस्कृति को नया आयाम मिले ,

दुनिया में आपस में भाईचारे का संबंध हो ,
ना झगड़ा ना झंझठ का वास हो ,

पग -पग में दिल और प्यार का मिलन हो ,
जाति धर्म को मिटाकर सबकी धड़कनो की आवाज़ बनो ,

ऐसा नया हो नये साल की शुरुआत हो ,
नये साल मे नये दौर की जज्बात हो !

नया साल आया है खुशियाँ साथ लाया है,
हर किसी के दिल में उमंगें और उम्मीदें लाया है।
नई रोशनी नई सोच और नया एहसासे लाया है,
नया सफर लेकर आया नई रास्ता लेकर आया है।

हर कदम पर कुछ नया करने की इच्छा लेकर आया,
सपनों को सच करने की जोश लेकर नया साल आया है।
आओ हम सब मिलकर अब नया साल मे नया संकल्प ले,
नई राहों पर चलकर अब नये साल मे अब बेहतर बनायेंगे।

नये साल में हम हर समस्याओं को साथ मिलकर हरायेंगे,
नये साल में हर मुश्किलो को हमसब मिलकर पार करेंगे।
नये साल में आशा की किरणें अब न छोड़ेंगी साथ हमारा,
नया साल लेकर आएगा हर दिल में नयी बात नई ऊर्जा अब।

नये साल में मिलकर हंसेंगे,गाएंगे चिडियों की गूंज के साथ,
हर चेहरे पर मुस्कान,बीते पल की यादें, खुशी का राज़ छाया।
नये साल में सूरज सा गुलाल हो नये रूप-रंग में नवोन्मेष आया,
नव वर्ष के हर सपनें को साकार करेंगे, यही वादा हम करेंगे।

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