युद्ध और शांति/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
हम जिन्होंने युद्ध नहीं किया... Read more.
उसके नाम/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
मेरी महबूब, तुम्हें भी गिला होगा... Read more.
हाथ/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
मैं अपने ज़िस्म को हाथों से सँभाल... Read more.
हमारे समयों में/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
यह सब कुछ हमारे ही समयों में... Read more.
मुझे चाहिए कुछ बोल/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
मुझे चाहिए कुछ बोल जिनका एक गीत... Read more.
लोहा/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
आप लोहे की कार का आनन्द लेते... Read more.
बफ़ा/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
बरसों तड़पकर तुम्हारे लिए मैं... Read more.
तुम्हारे बग़ैर मैं होता ही नहीं /कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
तुम्हारे बग़ैर मैं बहुत खचाखच... Read more.
तुम्हारे रुक-रुक कर जाते पावों की सौगन्ध बापू/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
तुम्हारे रुक-रुक कर जाते पाँवों... Read more.
द्रोणाचार्य के नाम/कविता/अवतार सिंह संधू ‘पाश’
मेरे गुरुदेव! उसी वक़्त यदि आप... Read more.