थोड़ी-थोड़ी बचा के रक्खी है,/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
थोड़ी-थोड़ी बचा के रक्खी है,... Read more.
कोई शायद मलाल था क्या था/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
कोई शायद मलाल था क्या था लब पे... Read more.
इक चाय पे मिलती हैं दो अनजान निगाहें/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
इक चाय पे मिलती हैं दो अनजान... Read more.
माथे पर इक सजा लिया सूरज/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
माथे पर इक सजा लिया सूरज अपनी... Read more.
जब से इसमें ग़म ज़ियादा हो गया/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
जब से इसमें ग़म ज़ियादा हो गया... Read more.
बिना क़ुसूर सज़ा भी सुनानी पड़ती है/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
बिना क़ुसूर सज़ा भी सुनानी पड़ती... Read more.
अग्नि परीक्षा जैसी ज़हमत होती है/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
अग्नि परीक्षा जैसी ज़हमत होती... Read more.
रात भी पूछती है कमरे में/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
रात भी पूछती है कमरे में क्यूं... Read more.
मिरे ग़म में तू गर शामिल नहीं है/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
मिरे ग़म में तू गर शामिल नहीं... Read more.
लोग होते तो हैं अंदाज़ दिखाने वाले/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
लोग होते तो हैं अंदाज़ दिखाने... Read more.