हमारी ये चटाई ही हमें कालीन लगती है/गज़ल/डॉ. भावना
किसी के ख़्वाब में वह इस क़दर... Read more.
उम्मीद पर पौधे लगाती है/गज़ल/डॉ. भावना
कभी हँसती , कभी रोती , कभी चुप्पी... Read more.
प्रेम बूंदों में ढल के जब आये/गज़ल/डॉ. भावना
कुछ तो लब से कहा करे कोई मेरी... Read more.
मुस्कान आजकल/गज़ल/डॉ. भावना
हर शय की है लगी हुई दुकान आजकल... Read more.
भवन शीशे का निर्मित कर लिया है/गज़ल/डॉ. भावना
भरोसे को ही खंडित कर लिया है... Read more.
हाथ में चिमटा लिये हुए/गज़ल/डॉ. भावना
बिछड़े हुए की याद का साया लिये... Read more.
आँख में उम्मीद थी पर रो रहे हैं हम/गज़ल/डॉ. भावना
ख्वाहिशों की भीड़ में जब खो रहे... Read more.
सोचता है धूप में/गज़ल/डॉ. भावना
देर तक माटी के संग सज़दा हुआ... Read more.
मेरे घर में पीड़ा भी पटरानी है/गज़ल/डॉ. भावना
एक बड़ी मुस्कान लबों पर हो , तो... Read more.
घर – घर आग लगाता फिरता है/गज़ल/डॉ. भावना
अपनी जीत के गीत ही गाता फिरता... Read more.