सर्वोत्तम उद्योग/अवनीश सिंह चौहान
छार-छार हो पर्वत दुख का ऐसा बने... Read more.
रेल- ज़िंदगी/अवनीश सिंह चौहान
एक ट्रैक पर रेल ज़िंदगी कब तक?... Read more.
चिंताओं का बोझ-ज़िंदगी/अवनीश सिंह चौहान
सत्ता पर क़ाबिज़ होने को कट-मर... Read more.
श्रम की मण्डी/अवनीश सिंह चौहान
बिना काम के ढीला कालू मुट्ठी-... Read more.
विज्ञापन की चकाचौंध/अवनीश सिंह चौहान
सुनो ध्यान से कहता कोई विज्ञापन... Read more.
कोरोना का डर है लेकिन/अवनीश सिंह चौहान
कोरोना का डर है लेकिन डर-सी कोई... Read more.
पीते-पीते आज करीना/अवनीश सिंह चौहान
पीते-पीते आज करीना बात पते की... Read more.
पगडंडी/अवनीश सिंह चौहान
सब चलते चौड़े रस्ते पर पगडंडी... Read more.
बदरा आए/अवनीश सिंह चौहान
धरती पर है धुंध, गगन में घिर-घिर... Read more.
देवी धरती की/अवनीश सिंह चौहान
दूब देख लगता यह सच्ची कामगार... Read more.