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हम तुम्हे चाहते हैं ऐसे/गीत/इंदीवर

नसीब इन्सान का चाहत से ही सँवरता है
क्या बुरा इसमें किसी पर जो कोई मरता है

हम तुम्हे चाहते हैं ऐसे
मरनेवाला कोई जिन्दगी चाहता हो जैसे

रूठ जाओ अगर तुम तो क्या हो
पल में ऐसे लगे, जिस्म से जान जैसे जुदा हो

जिन्दगी बिन तुम्हारे अधूरी
तुम को पा लूँ अगर, हर कमी मेरी हो जाए पुरी

ले चलेंगे तुम्हे हम वहाँ पर
तनहाई सनम शहनाई बन जाए जहाँ पर

लेखक

  • श्यामलाल बाबू राय इन्दीवर (1 जनवरी 1924-27 फरवरी 1997) हिन्दी के प्रमुख गीतकार थे। उनका जन्म ग्राम धम्मा, झांसी, (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वह गीतकार बनने के लिए मुंबई में आ गए थे। यहां उन्होंने सफ़लता की ऊंचाईयों को छुआ और 300 से अधिक फ़िल्मों में 1000 से भी अधिक गाने लिखे। उनकी कलम से हर मिज़ाज के स्वर निकले। 1976 में अमानुष फ़िल्म के "दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा" गीत को फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार मिला ।

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