+91-9997111311,    support@sahityaratan.com

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे/गीत/इंदीवर

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब …

अभी तुमको मेरी ज़रूरत नहीं, बहुत चाहने वाले मिल जाएंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम, कंवल जितने चाहोगी खिल जाएंगे
दर्पण तुम्हें जब डराने लगे, जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा सर झुका है झुका ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब …

कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा, बुझाने लगीं आरती का दिया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो, अंधेरों में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, ये दीपक जला है जला ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब …

लेखक

  • श्यामलाल बाबू राय इन्दीवर (1 जनवरी 1924-27 फरवरी 1997) हिन्दी के प्रमुख गीतकार थे। उनका जन्म ग्राम धम्मा, झांसी, (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वह गीतकार बनने के लिए मुंबई में आ गए थे। यहां उन्होंने सफ़लता की ऊंचाईयों को छुआ और 300 से अधिक फ़िल्मों में 1000 से भी अधिक गाने लिखे। उनकी कलम से हर मिज़ाज के स्वर निकले। 1976 में अमानुष फ़िल्म के "दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा" गीत को फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार मिला ।

    View all posts
कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे/गीत/इंदीवर

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *