उसे अकेलेपन से प्यार था, ……
मुझे अकेलेपन से डर लगता था।
वो अपने आँसू छिपा लेता था,
मैं अपने आँसू बहा देती थी।
दोनों मिले दोनों को प्यार हुआ,
लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ,
उसे अकेलपन से डर लगने लगा,
वो अपने आँसू छिपा न सका।
उसने कहा था मुझसे ना बहाना आँसू अपने वेबजह,
और आज देखो,
हम ही एक दूसरे के आँसू की वजह बन गए।
वो था जिसने मेरी अशांति मैं अपना सुकून ढूंढा….
कमखत , मैंने अपनी अशांति देकर,
उसका सुकून छीन लिया।
अब हम दोनों अशांत हैं
लेकिन याद रखूंगी हमेशा,
इतनी शिद्दत से किसी ने चाहा था,
खोलकर दिल अपना
मेरा मन था………
ए खुदा रखना उसे हमेशा खुश,
दे देना दर्द उसके मुझे,
गुनहगार हूँ मैं उसकी,
देना सजा मुझे
देना उसे जल्द ही मुझे बेहतर कोई,
रखे जो उसका ख्याल।
करे प्यार उसे, पूरे दिल से।
हो सके तो वो मुझे भूल जाए
फिर से वो डरना शुरु कर दे
अकेले पन से
यह अकेला पन सब कुछ छीन लेता है
मैं नहीं चाहती वो अकेला रहे