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उम्मीद बँधी है एक तुम्हीं से सिर्फ़ तुम्हारे हैं/ग़ज़ल/सुभाष पाठक’ज़िया’

उम्मीद बँधी है एक तुम्हीं से सिर्फ़ तुम्हारे हैं
तुम नदिया, तुम सागर हो हम पानी के धारे हैं

उसने मेरा हाथ नहीं छोड़ा घोर अंधेरे में
सुना यही था साये तब तक, जब तक उजियारे हैं

दुनिया की बातें मत छेड़ो हमको क्या है मालूम
उसकी धुन में रहते हैं अपनी धुन के मारे हैं

उसने जब माथे को चूमा तब आँसू मीठे थे
उसके बाद मैं रोया तो सारे आँसू खारे हैं

तुमको धरती ख़ुद को अम्बर मैंने अक्सर माना
अपने बच्चे ही इस दुनिया के चाँद सितारे हैं

सबसे मुझको क्या है मतलब तू ही यार ‘ज़िया’ का
सबने दिल को दुखाया है तूने बाल सँवारे हैं

ग़ज़ल 10.
ज़ख़्म वो सुर्ख़, हुआ ज़र्द कि डर लगता है
थम न जाये कहीं ये दर्द कि डर लगता है

कौन मेरा है मुझे ख़ूब पता है यारो
आइने से न छटे गर्द कि डर लगता है

ख़ून में आंच बहुत कम है रवानी है कम
और मौसम भी हुआ सर्द कि डर लगता है

मर्द को दर्द नहीं होता सुना है लेकिन
संग हो जाये नहीं मर्द कि डर लगता है

क्या यकीं ज़ीस्त का है पूरा करे या न करे
कैसे दें ख़्वाब की ये फ़र्द कि डर लगता है

 

लेखक

  • सुभाष पाठक'ज़िया' जन्मतिथि- 15 सितम्बर 1990 प्रकाशन- 1'दिल धड़कता है' (ग़ज़ल संग्रह)2020 2.‘तुम्हीं से ज़िया है’ (ग़ज़ल संग्रह) 2022 3. हम लिखें ज़िन्दगी ज़िन्दगी (ग़ज़ल संग्रह) 2023 संपादन - 1. 'ये नये मिज़ाज का शहर है' (ग़ज़ल संग्रह) 2021 2. 'ये असर होता है दुआओं में' (ग़ज़ल संग्रह) 2023 सम्मान - 1.ग़ज़ल संग्रह 'हम लिखें ज़िन्दगी ज़िन्दगी' ,मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी,मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद 'पन्नालाल श्रीवास्तव' 'नूर' सम्मान 2023 से पुरस्कृत। 2.ग़ज़ल संग्रह 'तुम्हीं से ज़िया है' हेमन्त फाउंडेशन के प्रतिष्ठित पुरस्कार 'हेमन्त स्मृति कविता सम्मान' 2022 से पुरस्कृत 3. महमूद ज़की ग़ज़ल सम्मान 2024, मप्र.लेखक संघ भोपाल, कैलाश गौतम सम्मान, गुफ़्तगू प्रयागराज 2024, सुधा काशिव ग़ज़ल सम्मान नागपुर, 2024, पुनर्नवा सम्मान 2019 मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन, शाद अज़ीमाबादी सम्मान 2021 पटना, अदबी उड़ान ग़ज़ल सम्मान उदयपुर 2017, एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित पता - ग्राम व पोस्ट समोहा, तहसील करेरा,ज़िला शिवपुरी, मध्यप्रदेश 473660 मो. 8878355676

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