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इक नज़र डाले न कोई सरसरी भी/ग़ज़ल/दर्द गढ़वाली

इक नज़र डाले न कोई सरसरी भी।

बह्र से ख़ारिज़ हुई क्या ज़िंदगी भी।।

 

कोई सोचे कोई समझे कोई बूझे।

कोई तो देखे हमारी बेबसी भी।।

 

याद अब मंज़र कोई रहता नहीं है।

आंख से जाती रही है रोशनी भी।।

 

बज़्म में तूफान सा बरपा रही है।

बोलती कितना है तेरी ख़ामुशी भी।।

 

ख़्वाब में आकर कोई तो छेड़ता है।

यूं नहीं होती वगरना गुदगुदी भी।।

 

दिल के कहने प’ चले थे आख़िरश हम।

हाथ है मलती ख़िरद की दोस्ती भी।।

 

कौन आया कौन बैठा पास मेरे।

बंद कर रक्खी थी मैंने चिटखनी भी।।

 

दौड़ती है भागती है पागलों सी।

प्यास से पागल हुई है इक नदी भी।।

 

राज़ जितने थे बता डाले हमारे।

देख ली हमने तुम्हारी दोस्ती भी।।

 

क्या हुनर बख्शा ख़ुदा ने यार उसको।

शायरी उसकी संज़ीदा है फनी भी।।

 

हर कमी अपनी छिपा ली हमने यारो।

इक कमी लेकिन रही बाकी अभी भी।।

 

बिक गई अपनी हवेली भी अगरचे।

इक ज़रा तहज़ीब है बाकी अभी भी।।

 

‘दर्द’ सबके बांटती फिरती है देखो।

क्या अजब है चीज यारो शायरी भी।।

 

लेखक

  • दर्द गढ़वाली (लक्ष्मी प्रसाद बडोनी)

    साहित्यिक नामः दर्द गढ़वाली मूल नामः लक्ष्मी प्रसाद बडोनी वर्तमान पताः बडोनी भवन फेज-1, डी-7 देवपुरम कालोनी, लोअर तुनवाला देहरादून (उत्तराखंड) साहित्यिक विधाः ग़ज़ल प्रकाशित कृतियांः 'तेरे सितम तेरे करम' (ग़ज़ल संग्रह) 'धूप को सायबां समझते हैं'(ग़ज़ल संग्रह) इश्क़-मुहब्बत जारी रक्खो (ग़ज़ल संग्रह) परवाज-ए-ग़ज़ल (साझा ग़ज़ल संग्रह ) एंजिल्स काव्य संग्रह (साझा ग़ज़ल संग्रह ) मंजिल की ओर (साझा ग़ज़ल संग्रह ) जीवन और प्रेम (साझा ग़ज़ल संग्रह) हिंदी ग़ज़ल के हजार शेर (उद्धृत शे'र) गुहर-ए-नायाब (देवनागरी लिपि में उद्धृत शे'र) साहित्य वाटिका पत्रिका, उन्नाव, उत्तर प्रदेश (ग़ज़ल) सम्मानः साहित्य साधक पुरस्कार, नई सुब्ह सम्मान, मन-आंगन साहित्यिक समूह सम्मान, नवाभिव्यक्ति सम्मान, अनकहे शब्द सम्मान, हिमालय पर्यावरण सोसायटी देहरादून की ओर से विशिष्ट सेवा सम्मान, सृजना साहित्यिक संस्था, प्रतापगढ़ की ओर से डा. सत्यनारायण सिंह सत्य सम्मान 2010 उपलब्धियांः गजल कुंभ दिल्ली, हरिद्वार, प्रतापगढ़ के अलावा उत्तराखंड संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन /मुशायरा में काव्य पाठ। समय-समय पर दूरदर्शन देहरादून, आकाशवाणी देहरादून और मेरठ कवि सम्मेलन में काव्य पाठ। दूरदर्शन देहरादून में ए ग्रेड कलाकार की ओर से मेरी चार ग़जलों का गायन दैनिक समाचार पत्र जनमत टुडे में मेरा साक्षात्कार प्रकाशित-प्रसारित। उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में मूल्यांकन समिति के सदस्य। आर्मी स्कूल की जी-20 पर हुई हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में शामिल।

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