+91-9997111311,    support@sahityaratan.com

जो पेड़ सबको कड़ी धूप से बचाता है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’

जो पेड़ सबको कड़ी धूप से बचाता है
वो सर्दियों में अलावों के काम आता है

यहाँ फ़रेब के काँटों की उग रही है फ़स्ल
तू ऐतबार की चादर कहाँ बिछाता है

भरोसा तुझपे करूँ भी तो किस तरह ऐ दोस्त
तू बात-बात पे अहसान जो गिनाता है

तू मेरे पास है, इतना बहुत है मेरे लिए
तू मेरे साथ नहीं है, ये क्यों बताता है

मेरा मिज़ाज बदल दे मेरे ख़ुदा अब तो
जिसे भी देखो वही फ़ायदा उठाता है

मैं जीतकर भी कहाँ उससे जीत पाता हूँ
वो हारकर भी कहाँ मुझसे हार पाता है

जमूरा बनके जो आता रहा है मजमों में
मदारी बनके वही खेल अब दिखाता है

वो राहज़न है, मगर फिर भी जाने क्यों ऐ ‘नाज़’
कोई-कोई तो उसे राहबर बताता है

लेखक

  • डॉ.-कृष्णकुमार नाज़

    डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’ साहित्यिक गुरु : श्री कृष्णबिहारी 'नूर' पिता : श्री रामगोपाल वर्मा जन्मतिथि। : 10 जनवरी, 1961 जन्मस्थान। : ग्राम कूरी रवाना, ज़िला मुरादाबाद (उ.प्र.) शिक्षा : एम.ए. (समाजशास्त्र, उर्दू व हिंदी), बी.एड., पी-एच.डी. (हिंदी) संप्रति : शासकीय सेवा से निवृत्त प्रकाशित कृतियाँ : 1. इक्कीसवीं सदी के लिए (ग़ज़ल-संग्रह),1998 2. गुनगुनी धूप (ग़ज़ल-संग्रह), 2002 व 2010 3. मन की सतह पर (गीत-संग्रह), 2003 4. जीवन के परिदृश्य (नाटक-संग्रह), 2010 5. उगा है फिर नया सूरज (ग़ज़ल-संग्रह), 2013 व 2022 6. हिन्दी ग़ज़ल और कृष्णबिहारी ‘नूर’, 2014 7. व्याकरण ग़ज़ल का (2016, 2018 व 2023) 8. नई हवाएँ (ग़ज़ल-संग्रह), 2018 9. साथ तुम्हारे (गीत-संग्रह), 2022 10. दिये से दिया जलाते हुए (ग़ज़ल-संग्रह), 2023 11. प्रश्न शब्दों के नगर में (साक्षात्कार-संग्रह), 2023 12. क़ाफ़िया (नए दृष्टिकोण के साथ तुकांत का प्रयोग) 2023 संपादन : 1. दोहों की चौपाल (2010), वाणी प्रकाशन 2. रंग-रंग के फूल (2019), किताबगंज प्रकाशन 3. नवगीत-मंथन (2019), किताबगंज प्रकाशन 4. बालगीत-मंथन (2019), किताबगंज प्रकाशन संपर्क : 9/3, लक्ष्मी विहार, हिमगिरि कालोनी, काँठ रोड, मुरादाबाद-244105 (उ.प्र). मोबा. : 99273-76877, 98083-15744 email : kknaaz1@gmail.com

    View all posts
जो पेड़ सबको कड़ी धूप से बचाता है/गज़ल/डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

×