दिल्ली अब भी दूर बहुत है
मन मेरा मजबूर बहुत है
दिन भर रहा बिछावन पर
फिर भी तन यह चूर बहुत है
किससे अपनी बात कहूँ
परवर यह मगरूर बहुत है
सच है अब वह बात नहीं पर
अबतक वह मशहूर बहुत है
माँ के पास सुकूँ पाता हूँ
माँ की दुआ में नूर बहुत है
लेखक
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सत्यम भारती जन्म-20 मई 1995 जन्मस्थान- बेगूसराय, बिहार शिक्षा :- स्नातक, बीएचयू परास्नातक, जेएनयू नेट और जेआरएफ(हिंदी) पीएचडी(अध्ययनरत), हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा सम्प्रति- प्रवक्ता (हिंदी) राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज नैथला हसनपुर, बुलंदशहर प्रकाशित कृतियाँ- बिखर रहे प्रतिमान (दोहा-संग्रह) सुनो सदानीरा (ग़ज़ल-संग्रह)
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मन मेरा मजबूर बहुत है/गज़ल/सत्यम भारती