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पंछी/दया शर्मा

मैं हूँ  एक नन्ही सी चिड़िया,
सारा नभ है मेरा घर
उड़ती रहती हूँ  इधर-उधर,
इधर-उधर से  उधर इधर।।
सुबह सुबह मैं उठ जाती,
शोर मचा मैं पँख फैलाती
शीतल हवा मुझे बेहद भाती ।
एक जगह मैं रह न पाती ।
पिंजरे में  कभी  बन्द की जाती
मैं ये कभी समझ न पाती
रो रो कर  मैं  फिर सो जाती
अपनों  से कभी मिल न पाती।
हमारा वतन हमारा गगन है ।
खुली हवा में  हम मगन हैं ।
उड़ने दो हमें  पंख फैला कर
इधर से उधर, उधर से इधर ।।

लेखक

  • दया शर्मा

    दया शर्मा जन्म स्थल- पंजाब कर्मस्थल - इम्फाल (मणिपुर) में मैं पली बढ़ी,शिक्षा ग्रहण की और कुछ समय तक इम्फाल AIR में casual announcer के तौर पर कार्यरत रही । शादी के बाद Shillong ही मेरा कर्मस्थल बना । शिक्षा-स्नातक (B.A.) रुचि- लेखन (कविताएं , कहानियाँ, आलेख आदि)स॔गीत , अनेक गृहकार्यों में रूचि, समाजिक संस्थाओं में गतिविधि । प्रकाशन एवम् उपलब्धियां- अनेक कविताएं ,कहानियाँ व आलेख अखबार एवम् पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित । साझा संकलन पुस्तकों में कहानियाँ , कविताएं एवं लघुकथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन एवम् रेडियो स्टेशन पर समय-समय पर कहानी कविताएं, व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम देना। उपलब्धियां- द्वितीय अखिल भारतीय सारस्वत सम्मान समारोह में 'काव्य भूषण' से सम्मानित। पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी डाॅ महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान से सम्मानित। Shubham Charitable Association से Certificate Of Appreciation से नवाजा गया। शहर समता विचार मंच (प्रयागराज) से एकल सुन्दर काव्य पाठ के लिए दो बार सम्मानित किया गया इसके अलावा और भी कई सम्मान मिल चुके हैं।

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