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मुझ   पर    कर   दो   जादू – टोना/विज्ञान व्रत

मुझ   पर    कर   दो   जादू – टोना
एक    नज़र     ऐसे    देखो     ना
इतने   दिन    में    घर   आये   हो
घर   जैसे    कुछ    देर   रहो   ना
बादल  हो   तुम   या    ख़ुशबू  हो
बरसो   खुलकर  या   बिखरो  ना
ढूँढ़  न  पाया    ख़ुद  को   घर  में
छान   चुका    हूँ     कोना – कोना
तुमसे  ख़ुद  को   वापस  क्या  लूँ
रक्खो  अब  तुम  ही  रख लो  ना

लेखक

  • विज्ञान व्रत

    विज्ञान व्रत जन्म-तिथि : 17 अगस्त 1943 जन्म-स्थान : तेड़ा (मेरठ) उ प्र शिक्षा : M A ललित कला , B Ed , डिप्लोमा -- चित्रकला (राजस्थान) सम्प्रति : लेखन तथा चित्रकला प्रकाशित कृतियाँ : ग़ज़ल संग्रह : बाहर धूप खड़ी है , चुप की आवाज़ , जैसे कोई लौटेगा , तब तक हूँ , मैं जहाँ हूँ , शर्मिन्दा पैमाने थे , किसका चेहरा पहना है , भूल बैठा हूँ जिसे , मेरा चेहरा वापस दो , याद आना चाहता हूँ , लेकिन ग़ायब रौशनदान , मेरे वापस आने तक , रौशनी है आपसे और विज्ञान व्रत : चुने हुए शे'र दोहा संग्रह : खिड़की भर आकाश

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