स्तुति-खंड-1 पद्मावत/जायसी
सुमिरौं आदि एक करतारू । जेहि जिउ दीन्ह कीन्ह संसारू ॥ कीन्हेसि प्रथम जोति परकासू । कीन्हेसि तेहि पिरीत कैलासू ॥ कीन्हेसि अगिनि, पवन, जल खेहा । कीन्हेसि बहुतै रंग उरेहा ॥ कीन्हेसि धरती, सरग, पतारू । कीन्हेसि बरन बरन औतारू ॥ कीन्हेसि दिन, दिनअर, ससि, राती । कीन्हेसि नखत, तराइन-पाँती ॥ कीन्हेसि धूप, सीउ […]