माँ है तो परिवार में, खुशियाँ और मिठास ।
बिन माँ के परिजन कभी, बैठ सके ना पास ।।-1
माँ की ममता प्यार का, है विशाल संसार ।
लिख ना पाया आज तक, कोई रचनाकार ।।-2
जन जीवन औ जगत का, है ये अटल विधान ।
करनी का फल एक दिन, पाता हर इंसान ।।-3
मद माया का जगत में, बहुत बुरा है जाल ।
जीते जी इससे बरी, हुआ न कोई लाल ।।-4
प्रेम सत्य की साधना, प्रेम जगत का सार ।
बिना प्रेम सम्भव नहीं, जन जग का उद्धार ।।-5
दीन जनों में बाँटिये, घूम घूम कर प्यार ।
प्यार बाँटने से मिले, मित्रो खुशी अपार ।।-6
गफिला सच्चा संत तो, होता नीर समान ।
चलता फिरता जब तलक, तब तक पावन जान ।।-7
माया मद का भोग कर, जन मन हुआ गुलाम ।
जब काया जर्जर हुई, तब जपते प्रभु नाम ।।-8
मूँछों से बढ़ती नहीं , शान और पहचान ।
बिल्ला बिल्ली मूसटा, चलते मूँछें तान ।।-9
अक्सर समझें जन सभी, पैसे को भगवान ।
मगर वक्त जैसा नहीं, कोई भी बलवान ।।-10
दुख से बचे न राम जी, दुख से बचें न आप ।
कभी न करना भूल कर, मित्रो कोई पाप ।।-11
सत्य प्रेम की आजकल, चलती नहीं दुकान ।
झूँठे बेईमान का , बिकता हर सामान ।।-12
गाफिल स्वामी