हिंदी साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में हिंदी अकादमी दिल्ली का विशेष स्थान है। यह अकादमी हिंदी भाषा, साहित्य और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए विविध पुरस्कारों की घोषणा करती है। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण सम्मान के रूप में हिंदी अकादमी दिल्ली ने श्री राम अवतार बैरवा को हिंदी अकादमी पत्रकारिता सम्मान (इलेक्ट्रोनिक मीडिया) से नवाजने की घोषणा की है। श्री राम अवतार बैरवा, जो वर्तमान में आकाशवाणी दिल्ली में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, को यह सम्मान उनके इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया जाएगा। श्री राम अवतार बैरवा का नाम हिंदी पत्रकारिता में एक प्रतिष्ठित नाम है। वे आकाशवाणी, दिल्ली के सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और लंबे समय से हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। आकाशवाणी जैसी प्रमुख सरकारी संस्था में कार्यरत होने के बावजूद, आप ने अपनी पत्रकारिता में हमेशा हिंदी भाषा को प्राथमिकता दी और उसे एक प्रभावशाली माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया।
श्री बैरवा की पत्रकारिता यात्रा में उनके द्वारा किए गए कई उल्लेखनीय कार्य हैं, जिनसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिंदी पत्रकारिता की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। वे विशेष रूप से हिंदी समाचार प्रसारण, कार्यक्रम निर्माण और पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों के पक्षधर रहे हैं। आपके काम ने न केवल आकाशवाणी को एक नई दिशा दी, बल्कि हिंदी पत्रकारिता की छवि को भी ऊंचा किया। हिंदी अकादमी द्वारा दिया जाने वाला पत्रकारिता सम्मान विशेष रूप से इलेक्ट्रोनिक मीडिया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए होता है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया, जिसमें रेडियो, टेलीविजन और अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी शामिल हैं, ने हिंदी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है। श्री राम अवतार बैरवा का योगदान इलेक्ट्रोनिक मीडिया के इस बदलाव में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। आपने अपने कार्यकाल के दौरान आकाशवाणी जैसे प्लेटफॉर्म पर हिंदी को न केवल एक भाषा के रूप में बल्कि एक सशक्त पत्रकारिता माध्यम के रूप में स्थापित किया। आकाशवाणी के कार्यक्रमों में आपने एक तरफ जहां हिंदी साहित्य के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी तरफ समकालीन मुद्दों को भी अपने कार्यक्रमों में प्रभावी तरीके से समाहित किया। इस प्रकार, आपने हिंदी भाषा में पत्रकारिता को एक नया दिशा देने का कार्य किया। श्री राम अवतार बैरवा ने हिंदी में समाचार प्रसारण के तरीके को पूरी तरह से बदलने का प्रयास किया। आपके निर्देशन में, आकाशवाणी ने हिंदी साहित्य समाचार और प्रोग्रामिंग में नयापन लाया। आपने खबरों की प्रस्तुति में शुद्धता और प्रामाणिकता पर विशेष ध्यान दिया, जिससे श्रोताओं को सही और सटीक जानकारी मिल सके। आपकी कार्यशैली में हिंदी के साहित्यिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करते हुए, समाचारों को सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। इसके साथ ही, आप इस बात के भी पक्षधर रहे हैं कि मीडिया में प्रस्तुति के दौरान शुद्ध और प्रभावी हिंदी का उपयोग किया जाए, जिससे भाषा की गुणवत्ता बनी रहे और हिंदी का गौरव बढ़े। इसके अलावा, आपने इलेक्ट्रोनिक मीडिया में समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए विशेष कार्यक्रम बनाए। सामाजिक मुद्दों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे विषयों पर आधारित आपके कार्यक्रमों ने न केवल जन जागरूकता बढ़ाई, बल्कि लोगों में सामूहिक जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न की।
हिंदी अकादमी का पत्रकारिता सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस पुरस्कार के द्वारा हिंदी अकादमी यह सुनिश्चित करती है कि हिंदी पत्रकारिता में जो लोग उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, उनका सम्मान किया जाए और उनके कार्यों की सराहना हो। श्री राम अवतार बैरवा को यह सम्मान उनके योगदान के कारण दिया जा रहा है, जो न केवल इलेक्ट्रोनिक मीडिया के क्षेत्र में है बल्कि हिंदी भाषा, साहित्य और पत्रकारिता के प्रचार-प्रसार में भी अभूतपूर्व है। हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा श्री राम अवतार बैरवा को हिंदी अकादमी पत्रकारिता सम्मान (इलेक्ट्रोनिक मीडिया) से सम्मानित किया जाना एक गर्व की बात है। श्री बैरवा का योगदान हिंदी पत्रकारिता में अविस्मरणीय है और उनके द्वारा किए गए कार्य निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का फल है, बल्कि यह हिंदी पत्रकारिता की प्रगति और विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री बैरवा जी का मानना है कि यह सम्मान अपने माता-पिता को समर्पित करता हूं, जिन्होंने हमेशा ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और कर्तव्यपथ पर चलते रहने और मात्र ईश्वर से डरने की शिक्षा दी। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान एक माह आकाशवाणी, करगिल में सेवा देना और 2001 में भुज में आए भूकंप के दौरान मात्र चने और मूंगफली खाकर तीन दिन लगातार 13 लोगों की जिंदगी बचाने में सहायता करना, माता-पिता के उसी आशीष का प्रतिफल है। पुरस्कार स्वरूप 100000/-रुपये मिलने में अब तक 100000 से अधिक जीवों की रक्षा और 12 गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग करने को इसलिए महत्वपूर्ण मानता हैं कि चयन समिति के सामने मेरा नाम बाद में आता है, ये सब पहले पहुंच जाते हैं।
हम आशा करते हैं कि श्री राम अवतार बैरवा का यह सम्मान उन्हें और अधिक प्रेरित करेगा और हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी प्रभावी भूमिका और भी बढ़ेगी।सभी पुरस्कृत रचनाकारों को साहित्य रत्न की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। साहित्य रत्न सभी पुरुस्कृत होने वाले साहित्यकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
– सुरजीत मान जलईया सिंह